चुलबुली लड़की
जब हँसती है,
अपनी हँसी से सारा जग हरसाती है।
इक चुलबुली लड़की।
जब वो रोती है,
मुझको भी संग में रुलाती है।
इक चुलबुली लड़की।
जब मुझसे बातें करती है,
लगता है बस इसकी बातों में बस जाऊँ।
जब वो उलझे बाल सँवारे,
मैं कंघी बनकर के बालों में फ़ँस जाऊँ।
लेकिन मैं मजबूर बहुत हूँ,
सच्चाई से दूर बहुत हूँ।
जिस चुलबुली लड़की ने मेरा दिल भरमाया है,
वो मेरी कल्पना है, निरी माया है।
पर अपनी इस कल्पना के साथ मैंने जी है जिन्दगी,
औरों के लिये रहस्य, लेकिन मेरी यही है जिन्दगी।
अपनी हँसी से सारा जग हरसाती है।
इक चुलबुली लड़की।
जब वो रोती है,
मुझको भी संग में रुलाती है।
इक चुलबुली लड़की।
जब मुझसे बातें करती है,
लगता है बस इसकी बातों में बस जाऊँ।
जब वो उलझे बाल सँवारे,
मैं कंघी बनकर के बालों में फ़ँस जाऊँ।
लेकिन मैं मजबूर बहुत हूँ,
सच्चाई से दूर बहुत हूँ।
जिस चुलबुली लड़की ने मेरा दिल भरमाया है,
वो मेरी कल्पना है, निरी माया है।
पर अपनी इस कल्पना के साथ मैंने जी है जिन्दगी,
औरों के लिये रहस्य, लेकिन मेरी यही है जिन्दगी।
आपकी कल्पना साकार हो। आपकी चुलुबुली लड़की आपके लिये असलियत बने।
ReplyDeleteचुलबुली लड़की के रूप में आपकी कल्पना ! ख्याल अच्छा है ।
ReplyDeleteकल्पना कही दूर जगत से नहीं हैं आती,
ReplyDeleteवो जो नजरों में बैठा है तुम्हारे उसे हृदय के
और करीब लाती है…
बहुत लुभावने ढ़ंग से प्रस्तुत किया…अत्यंत सरल पर कांची सी भावना से परिपूर्ण…धन्यवाद>>>
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ReplyDeleteचुलबुली लड़की मिल गई है या खोज रहे हैं
ReplyDeleteUs chulbuli ladki ki khoj aaj bhi jaari hai. ;)
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