रात गई, बात गई













रात गई, बात गई,
सपनों से इक मुलाकात गई,
तारों की इक बारात गई,
और चाँदनी उनके साथ गई।
जो चली गई, वो चली गई,
आई है अब ये सुबह नई,
ये सुबह नई आनन्दमयी,
उठ जाग मुसाफ़िर, भोर भई।।

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