जान लेना कहाँ मुश्किल है...
जान लेना कहाँ मुश्किल है... कटार गर सोने की हो, तो बरबस ही मोह लेती है मन, फिर कहाँ देख पाते हैं छल, छलनी कर जाती है सीना, जब जिगर के पार होती है, कटार गर सोने की हो, फिर भी उसमें धार होती है! जान लेना कहाँ मुश्किल है... आदित्य #MeriTeriBaat