कल की चिंता कौन करे!
लोग कहेंगे कायर था, पल दो पल का शायर था, ख़ाक हुआ तो अच्छा है, मौन हुआ तो सच्चा है, बोल उठा तो झूठा है, आओ इसको मौन करें, आज में यारों जीते हैं, कल की चिंता कौन करे! कल की चिंता कौन करे, कल कौन नया हो जाएगा, फसल वही तो काटेंगे, जो आज कोई बो जाएगा। हमने नफरत बोई है, सच्चाई तो सोई है, झूठों की सरकारें हैं, बुझे सभी अंगारे हैं। छद्म हमारी सत्ता है, Attitude अलबत्ता है, देश भले ही डूबेगा, हम तो पार उतर जायें। आओ यारों हवन करें, देश की चिंता कौन करे! जिसको थोड़ी चिंता हो, आओ उसको मौन करें, आज में यारों जीते हैं, कल की चिंता कौन करे !